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असली गुरु की कृपा-4 का भाग 1

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अब आप जानते हैं कि सच में सब कुछ मदद करता है। आपको बताना बहुत मुश्किल है कि क्या क्या है। क्योंकि आपको ईमानदार भी होना चाहिए, समझे? उदाहरण के लिए, यदि आप एक घंटे के लिए टी.वी. देखते हैं, आप २००० पुण्य अंक पाएँगे। मेरा टी.वी, मेरा वीडियो। भले ही आप एक वीडियो को बार–बार, देखा करें। मैं यह इसलिए नहीं कह रही कि आप नयाँ सामान खरीदें। एक घंटे पढने से ८०० पुण्य अंक प्राप्त होता है, पर एक घंटा वीडियो से २००० पुण्य अंक प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए […] पर मेरा मतलब यह है, आप टी.वी. के सामने बैठते हैं, इसे देखते हैं, आनंद लेते हैं, और सच में ध्यान देते हैं, तब एक घंटे का २००० अंक प्राप्त होगा, (धन्यवाद।)

यहाँ तक कि मेरे कविताएं और गीत, कुछ भी, या कुछ भी जो मैं कहती हुँ चुटकुले, कुछ भी। कविता भी, एक गीत के लिए ४०० पुण्य अंक, जो मैंने गाया हो। अगर किसी दूसरे ने गाया हो, तो शायद २०० पुण्य अंक। मेरी कविता, किसी और ने गाया है, तो २०० पुण्य अंक। लेकिन कभी–कभी छोटी, कभी–कभी लंबी बेशक, यह निर्भर करता है। लेकिन मेरा मतलब आमतौर पर। मेरे गाने भी, यदि मैं इसे गाती हूँ और आप सुनते हैं, आप प्रत्येक गाने का ४०० अंक प्राप्त करते हैं! जो केवल २,३,५ मिनट का होता है। (वाह!) समझे? (जी हाँ।) क्योंकि गाना आपको अधिक केंद्रित कराता है, इसलिए। वीडियो सायद, “ओह, वह कुछ बोल रही है। ओह, मुझे यह पहले से मालूम है। उन्होंने यह पहले भी कहा था।” लेकिन गीत... संगीत हमेंशा लोगों को केंद्रित व एकाग्र करने में, और सभी तनाव कम करने में मदद करता है। इसलिए गुरु की शक्ति आपके अस्तित्व में अधिक से अधिक आशिष डाल सकता है। गीतों, कविता, जो भी संगीतमय है, वह हमेंशा मन को बहुत सुहाता है, और एक किसम की निंद्रा में ले जाता है, ताकि गुरु अंदर जा सकें, और आपको ढेर सारा आशीर्वाद दे सकें। यह समझे? (जी हाँ।) तो कौन सा गीत है उस बात से फरक नहीं पडता, भले हीं उदास गानें, खुशी के गीत, जो भी हो।

लेकिन उदास गानें, अगर आप बाहर सुनते हैं, तो आपको बुरे तरीके से प्रभावित करते हैं। कभी–कभी यह आपको कोई भी पुण्य अंक नहीं देता। यदि अच्छा संगीत,यह भी आपको पुण्य अंक देते हैं; बाहर के भी। कभी–कभी ५० पुण्य अंक, कभी १०० पुण्य अंक। यह गीत पर निर्भर करता है, और कौन सा संगीतकार, और कौन सा संगीत। यदि यह आपके दिमाग को थोडा आराम देता है तो आप पुण्य अंक प्राप्त करते हैं। संगीत के कारण नहीं, पर दिमाग के आराम के कारण, इसलिए गुरु की शक्ति अंदर जा सकती है। ज्यादातर, मन गुरु की शक्ति को बाधित करता है। यह आपको अधिक सोचने लगाता है, और फिर आप पुण्य अंक प्राप्त नहीं कर सकते। लेकिन संगीत आपको आराम देती है; इसलिए संगीत आपके लिए अच्छा है। इसिलिए मैं गीत गाती हूँ, नाचती हूँ, कविता लिखती हूँ। ये सब केवल काम है।

अब आपके पास संत होने के सभी उपकरण है। और यदि आप उनका उपयोग नहीं करते हैं, और आप निम्न तलों में गिरते हैं, तब यह शर्म की बात है। ये सब रहस्य मैं आपको पहले ही बता चुकि हूँ। पहले आपको यह पता नहीं था, आपको लगता था, “ठीक है, वह बस एक कलात्मक है।” यहाँ तक कि मेरी पेंटिंग को पाँच मिनट देखने से ५०० पुण्य अंक प्राप्त होता है। (ओहो!) नहीं, यह सच है। आपको क्या लगता है? आपको क्या लगता है कि बाहर के सब लोग कैसे उच्चता प्राप्त करते हैं? ये सब चीजें! अपने को जोडिए, ठिक है? पेंटिंग, संगीत, जो भी मैं करती हूँ, यह सब आपके लिए है। अरे लैंप भी। अगर वे इसे देखते हैं, उन्हें भी पुण्य अंक प्राप्त होता है, ५०० पुण्य अंक, एक हजार पुण्य अंक, यह निर्भर करता है, बस ईसको देखने से। खरीदने की भी जरुरत नहीं।

तो, सभी प्रकार के साधन। ये सब चीजें मैं बस सभी के लिए करती हूँ। और यहाँ तक कि लोग मेरे तस्वीर को देखते हैं, बाहर के लोगों को भी, बस मेरी तस्वीर को एक नजर देखने पर, शायद सिर्फ एक मिनट, आधा मिनट, वे ५०० पुण्य अंक प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए। इसी तरह आप उच्च उठते हैं। आपको क्या लगता है कि आप कैसे उठते हैं? जैसा आप करते हैं, आपकी तरह बैठने से, रात को बडा सा गद्दा तैयार करने से, और पूरी रात उस पर सोने और बैठने के लिए तैयार रहने से, और फिर बहुत कम ध्यान करना, बहुत अधिक बातें करना, बहुत अधिक खाना, और ये सभी काम आप करते हो। आप पूरे दिन मुझे भी भुला देते हैं; आपको काम करना पडता है, आप मुझे पूरी तरह से भूल हीं जाते हैं। जब आपको समय मिलता है, थोडा सा आप मुझे याद करते हैं। तब कोई दूसरा बातें करने आ जाता है, या फोन आ जाता है, और फिर टीवी पर कुछ अच्छा कार्यक्रम आता है, और बस, गुरु जी चले जाते हैं। देखा? तो आपको क्या लगता है कि आप कैसे उपर उठते हैं? ये सब चीजें आपके लिए अच्छी हैं, जैसे तस्वीरें और दूसरी चीजें। मैं बहुत अच्छी तस्वीरें बनाती हूँ, ताकि बाहर के लोग इसे देखना पसंद करें। आप औरों की बजाय एक सुंदर दिखने वाली महिला को देखना पसंद करते है, है ना? तो, यह अच्छा है कि आप थोडा सा मेकअप करें ताकि आप सुंदर दिखें, ताकि लोगों को देखना पसंद हो, नहीं? हाँ, यह उनके लिए अच्छा है। ये सब काम करती है, समझे? कारगर, कारगर, कारगर, कारगर।

कभी–कभी मैं आपको कुछ करने के लिए बोलती हूँ, यह भी काम करता है। ये आपके लिए है। आपके लिए, किसी और चिजके लिए। यह नहीं है कि मुझे आपकी जरुरत है, समझे? सब कुछ, बिलकुल हर चिज; मैं हर चिज प्रयोग करती हूँ, सभी को उच्च ले जाने के लिए। अब समझे? (जी हाँ।) मैंने आपको पहले यह कभी नहीं बताया, क्योंकि मैं चिंतित थी कि आपको लगेगा कि मैं चीजें बेचना व खुद की प्रशंशा करती हूँ। अब आप उच्चतर आ चुके हैं, तो आप मेरा अधिक विश्वास करते हैं। यदि आप निम्न तल पर होते हैं, आप अधिक गणित में रुचि रखते हैं। “वह सच में कहना चाहती है? या सिर्फ पैसा कमाना? या...” क्योंकि समाज आपको अलग से जानकारी देता है जो मैं आपको देती हूँ। जब आप बच्चे थे तब से आपको इसकी आदत पड गई है, जो भी कोई कुछ बेचना चाहता है, आपको लगता है कि वह लाभ लेना चाहता है। सभी विक्रेता की तरह, जो कहते हैं “इस कपडे में आप पतले लगेंगे, आपको एक मोडल की तरह बना देंगे।” इस तरह की बातें। “यह आपके लिए अच्छा है,” अ‍ैर वह सब। यह बेचने के जैसे लगता है। इसीलिए, मैंने कभी आपको कहना नहीं चाहा। अब मैं कह सकती हूँ।

बात यह है, कि आपको इस पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कोशिश करने में कोई नुकसान नहीं है। ठीक है? इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। टीवी पर बकवास सुनने से बेहतर है। और फोन पर हर वक्त “बक, बक, बक...” और फिर फोन बिल का भुगतान करना।
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